Sadhana Shahi

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लल्ला मेरा अभिमान है तू (कविता) स्वैच्छिक प्रतियोगिता हेतु -30-Jul-2024

लल्ला मेरा अभिमान है तू

मेरी जान, पहचान है तू, लल्ला मेरा अभिमान है तू। बुरी वृत्ति कभी ना तू गहना, जर्जर हिय मेरा छान है तू।

नव प्राची की नवल रश्मियांँ, नव उल्लास जीवन में लाएंँ। जन्मदिवस तेरा शुभ होवे, सन्मार्ग,सद्भाव सदा फैलाएँ।

तेरा जीवन तेरा मंगलमय हो, विघ्नों का तत्क्षण ही क्षय हो। स्व पुरुषार्थ से जग में चमको, आत्मपद गहो जीवन पय हो।

शीर्ष जनों का लो आशीष, तुम उत्कर्ष का बनो शिरीष। मात-पिता सब हों सुखदाई, कृपा की वर्षा करें अंबरीश।

शनि,राहु,केतू रहें फलदाई, उन्नति पथ का करें रहनुमाई। सुखदकारी हो मंजिल तेरी, अवतरण दिवस की अनंत बधाई।

साधना शाही, वाराणसी उत्तर प्रदेश

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